Thursday, June 24, 2010

मध्यप्रदेश सहकारिता समिति महासंघ द्वारा राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया





(पिंकी उपाध्याय)


सिवनी-:आज दिनांक २२ जून २०१० को मध्यप्रदेश सहकारिता समिति महासंघ के प्रांताध्यक्ष अशोक मिश्रा के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा गया ज्ञापन का विषय सिवनी जिले में नागरिक आपूर्ति निगम वर्ष २००९-१० में धान उर्पाजन में घोर भ्रष्टाचार व डीएमओ जिला सिवनी द्वारा वर्ष २०१०-११ में गेंहू उर्पाजन हेतु पुरानी व रद्दी बोरी सप्लाई कर सहकारी समितियों को दोषी करार कर समिति के कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज कराने का विरोध कर हड़ताल करने के विषय में था।
मध्यप्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ द्वारा धान उपार्जन नागरिक आपूर्ति निगम जिला सिवनी द्वारा आग्रह किया गया कि म.प्र. सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ द्वारा धान उर्पाजन नागरिक आपूर्ति निगम जिला सिवनी द्वारा वर्ष २००९-१० एवं समर्थन मूल्य गेंहू उपार्जन वर्ष २०१०-११ में ३६ हजार पुरानी व रद्दी बोरी डीएमओ जिला सिवनी द्वारा सहकारी समितियों में सप्लाई किया गया जिसकी शिकायत जिला प्रशासन एवं म.प्र. शासन को समय रहते हुये शिकायत व ज्ञापन के माध्यम से समय-समय पर बताया गया किंतु विभागीय अधिकारियों को छोड़ दिया गया (निलंबन) और समिति कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज किया गया किंतु विभागीय अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज किया जाना था महासंघ द्वारा बार-बार निवेदन करने पर कार्यवाही नहीं की गई इस कृत्य से क्षुब्ध होकर आंदोलन का रास्ता अपनाने में मजबूर हैं अत: उक्त बिंदुओं पर उचित पहल पर कार्यवाही किया जा सके जो निम्रानुसार हैं धान उपार्जन में परिवहनकर्ता द्वारा समिति स्थल पर वाहन भराईकर धान को नागरिक आपूर्ति निगम में कम दिखाकर समितियों में शार्टेज दिखाया गया, धान उपार्जन में परिवहनकर्ता द्वारा निर्धारित दिवसों में धान का उठाव समय पर न कर महिनों लगा दिया गया निगमकर्ता द्वारा उठाव पत्रक व समिति पत्रक से मिलना किया जावे, धान उपार्जन हेतु परिवहनकर्ता द्वारा हम्माली व बोरी भराई का पैसा समिति को समय पर न देकर बकाया राशि परविहनकर्ता द्वारा हड़प ली गई जिसकी जाँच की जावे, धान उपार्जन में समितियों को समय सीमा पर नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा उठाव की राशि प्रदान नहीं की गई जिससे समितियों के खातों पर अनावश्यक ब्याज का भार पड़ रहा है जाँच किया जावे, धान उपार्जन में नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा परिवहनकर्ता से धान का उठाव कर गोदाम में धान रखा गया व महीनों बाद समितियों को तौल पत्रक दिया गया जिसमें धान को रिजेक्ट कर दर्शाया गया साथ ही समितियों को लाखों रूपये का चूना लगा दिया गया जाँच किया जावे, गेंहू उपार्जन में बारदानों को राईस मिलों में डीएमओ के अधिकारियों के द्वारा बेचा गया व समितियों में पुरानी व रद्दी बोरियाँ प्रदान किया गया किंतु समितियों के कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव बनाकर दोषी ठहराया जा रहा हैं, गेंहू उपार्जन में डीएमओ द्वारा बोरियों की कालाबजारी का स्थानीय समाचार पत्रों में हेराफेरी के संबंध में प्रकाशित किया गया लेकिन जिला प्रशासन मोन रहा किंतु कार्यवाही नहीं की गई, गेंहू उपार्जन में डीएमओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाना था किंतु विपरीत परिस्थित बनाकर समिति कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज किया जा रहा है, गेंहू उपार्जन में समितियों के कर्मचारियों द्वारा पुरानी बोरियों की पावती संबंधित विभाग को दिखाया गया किंतु उसे मान्य न करते हुये उसी के खिलाफ कार्यवाही की जा रही हैं अत: महासंघ आपसे अनुरोध करता है कि उक्त बिंदुओं पर पुन: जाँच किया जाकर समितियों के प्रति सहानुभूति व समिति कर्मचारियों को दोषमुक्त किया जाकर संबंधित विभागीय अधिकारियों पर कार्यवाही किया जावे अन्यथा की दृष्टि से महासंघ दिनांक २२.०६.१० को जिला सिवनी में एक दिवसीय धरना उग्र आंदोलन करेगा एवं दिनांक २८.०६.१० से कलमबंद हड़ताल सिवनी जिले में जारी किया जावेगा।

रोजगार कार्यालय में जॉबफेयर के नाम पर बेरोजगारो की भावनाओं के साथ किया गया खिलवाड़








रोजगार कार्यालय प्रमुख लगा रहे कलेक्टर पर आरोप
(पिंकी उपाध्याय)




सिवनी-:आज रोजगार कार्यालय में जॉबफेयर मेले के नाम पर हजारो बेरोजगार की भावनाओं के साथ जो खिलवाड़ किया गया वह अत्यंत दुखद: घटना है आज एस.एस.सी.आई. सिक्यॅूरिटी कौन्सिंल ऑफ इंडिया के नाम पर २५० बेरोजगारो का चयन कर उन्हें नौकरी पर लगाने की रोजगार कार्यालय द्वारा अधिसूचना जारी की गई थी जिसमें गरीबी रेखा के व्यक्तियों को निशुल्क प्रशिक्षण देकर सिक्यॅूरिटी गार्ड की नौकरी देने का आश्वासन दिया गया था किंतु यहां पर उसके विपरीत ही देखने को मिल रहा था यहां पर गरीबी रेखा के व्यक्तियों को छोड़कर सामान्य व्यक्ति जो गरीबी रेखा के ऊपर हैं उन्हें ६ हजार रूपये प्रशिक्षण फीस जो मध्यप्रदेश में नहीं गढ़वा (झारखंड) में देने को कहा गया और शर्म की बात तो यह है कि ऐसा रोजगार कार्यालय जैसे शासकीय संस्थान के बैनर तले किया जा रहा था बालाघाट एक्सप्रेस के ब्यूरो चीफ द्वारा जब इस साक्षात्कार प्रमुख से बात की गई तो वे इस संबंध में समुचित दस्तावेज उपलब्ध कराने में असमर्थ थे जिला रोजगार कार्यालय के महाप्रबंधक श्री मेहरा जी द्वारा इस संबंध में यह कहा गया कि यह साक्षात्कार कलेक्टर महोदय के आदेश द्वारा किया जा रहा हैं अगर आप कहे तो इसे बंद करा दे पर यह तो कोई बात नहीं हुई क्योंकि पूरे जिले से हजारो की संख्या में युवक/युवतियां इस नौकरी के लिये आये हुये थे क्योंकि रोजगार कार्यालय द्वारा इसका विज्ञापन दिया गया था क्या रोजगार कार्यालय इनकी नियम व शर्ताे से वाकिफ नहीं था ये तो वही नियम थे जो अंग्रेजो ने भारत पर शासन चलाने के लिये ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से अपनाये थे जिसमें साक्षात्कार के लिये मनीष सिंह निवासी बालाघाट से आये एस.एस.सी.आई. कंपनी के एसआई द्वारा यह कहा गया था कि जिस भी व्यक्ति ने एस.एस.सी.आई. कंपनी में प्रशिक्षण लिया है वह जीवन भर अपनी तनख्वाह का २५ प्रतिशत इस कंपनी को देगा अगर ८ हजार तनख्वाह हुई तो प्रतिमाह २ हजार रूपये एस.एस.सी.आई. कंपनी के खाते में जायेगा यह तो जीवन भर बंधुआ मजदूर बनाने की बात हो गई एक बार मुफ्त में प्रशिक्षण क्या दिया जीवन भर मलाई काटने की बात हो गई इस पर रोजगार कार्यालय प्रमुख का कहना पड़ा कि अगर सिवनी में कोई बेरोजगार आदमी काम करता हैं तो उसे २ या ३ हजार रूपये तनख्वाह मिलती हैं ऐसे में अगर ८ हजार के काम में दो हजार कट भी गये तो क्या फर्क पड़ता हैं और इन कंपनी वालो ने आसपास के सभी जिलो में यह कार्य किया हैं और हमारे ऊपर कलेक्टर महोदय का यह फरमान रहता है कि जॉबफेयर मेला आयोजित करो तो हम क्या करें जो बात थी जैसी बात थी वह जनता के सामने हैं अब जनता ही बताये कि रोजगार कार्यालय अधिकारी क्या करे और हमारे जैसे जागरूक पत्रकार क्या करें....?????




इनका कहना है
कलेक्टर सिवनी श्री मनोहर दुबे

अगर यह कंपनी यह बात करती है कि बेरोजगार व्यक्ति को रोजगार पर लगाने पर जीवन भर उसे अपनी तनख्वाह का २५ प्रतिशत एस.एस.सी.आई. कंपनी को देय होगा तो मैं स्वयं तत्काल कंपनी एवं उससे संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफ.आई.आर. कराकर उसे सख्त से सख्त सजा दिलवाऊंगा।

ये थी शर्ते
१. प्रशिक्षण की अवधि एक माह है जो भारतीय सुरक्षा दक्षता नई दिल्ली के द्वारा संचालित किया जाता हैं।
२. प्रशिक्षण समाप्ति के अगले दिन से ही ड्यूटी मानी जायेगी।
३. पदस्थापना सूची प्रशिक्षण समाप्ति के दिन ही जारी कर दी जायेगी जो भारत सरकार, राज्य सरकार पब्लिक सेक्टर, मल्टीनेशनल कंपनी के बड़े एवं प्रमुख संस्थानों में पदस्थापित की जायेगी और पूरे भारत वर्ष में मान्य होगा।
४. प्रशिक्षण समाप्ति के उपरांत पोस्टिंग एवं स्थानांतरण के दौरान टी.ए. एवं डी.ए. भत्ता देय है जो पूरे भारत वर्ष के लिये लागू हैं।
५. भारत सरकार के स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे बसर करने वाले बीपीएल परिवार के सदस्यों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देकर नियुक्ति दी जायेगी जिसके लिये उम्मीदवार अथवा उसके माता पिता का नाम बी.पी.एल. राशन कार्ड/सूची में अंकित होना चाहिये।
६. बी.पी.एल. सूची को ग्राम सेवक या बी.डी.ओ. से प्रमाणित करा कर लाना हैं।
७. प्रशिक्षण के उपरांत (भारतीय सुरक्षा दक्षता) नई दिल्ली के द्वारा प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा जो कि देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में मान्य होगा।
८. वेतन, संबंधित राज्य सरकार के न्यूनतम वेतन अधिनियम के अंतर्गत देय है साथ ही अन्य भत्ता योग्यता अनुसार।
९. केंद्र/राज्य सरकार के नियमावली के तहत ग्रेज्यूटी, बोनस, पी.एफ.ई.एस.आई. एवं विभाग द्वारा ग्रुफ एक्सीडेंटल इन्श्यारेंस पॉलिसी की सुविधा देय हैं।
१०. कर्मचारी/विधवा को सरकार के नियमावली के तहत पेंशन की सुविधा देय हैं।
११. प्रतियोगिता के अनुसार दो बच्चों की पढ़ाई इंडियन पब्लिक स्कूल देहरादून में वेतन के १५ प्रतिशत व्यय पर कराई जाती हैं।
१२. विभागीय सेवा ट्रस्ट के द्वारा कर्मचारी के हित में समय-समय पर वित्तीय सहायता एवं मेडिकल सुविधा का प्रावधान हैं।
१३. रिटायरमेंट की आयु सीमा ५८ वर्ष जो कि भर्ती के दिन से माना जायेगा।
१४. समय-समय पर विभागीय पदोन्नति का प्रावधान।
१५. विभागीय छुट्टी उपस्थिति के आधार पर देय हैं।
१६. प्रशिक्षण के दौरान अतिरिक्त प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया है जैसे-:इलेक्ट्रानिक, सेफ्टी डिभईज फायर फायटिंग, क्लोज सर्किट टी. भी. इंगलिश स्पिकिंग एवं कम्प्यूटर प्रशिक्षण की विशेष सुविधा दी जाती हैं।
१७. अपने स्थानीय थाना से चरित्र प्रमाण पत्र बनवाकर लाना हैं।

आरटीओ कार्यालय के भ्रष्टाचार की कलंई खुली





कलेक्टर महोदय के आदेश पर की गई त्वरित कार्यवाही
(पिंकी उपाध्याय)


सिवनी-:अपनी भ्रष्ट लापरवाही के लिये चर्चित आरटीओ कार्यालय में आज फिर घोर अनियमितता का एक नया मामला सामने आया है जिसे किसी भी तरह से नजर अंदाज नहीं किया जा सकता बालाघाट एक्सप्रेस कार्यालय में प्राप्त शिकायत के आधार पर आज दोपहर १२ बजे कार्यालय के कार्यालय अधीक्षक इंद्रसेन मोहेते से कमांडर वाहन क्रं. एम.पी. ०५ एफ. ६९१७ की फाईल निरीक्षण हेतु मांग की गई क्योंकि शिकायत में यह स्पष्ट किया गया था कि उक्त वाहन का नाम ट्रांर्सफर में कार्यालय द्वारा बहुत लापरवाही बरती गई हैं तथा पंजीयन में जिस वाहन का विवरण हैं यह वह वाहन नहीं हैं सिर्फ इस वाहन के चेसिस में पंजीकृत वाहन का उतना हिस्सा काटकर बेल्डिंग किया गया हैं मोहेते बाबू द्वारा स्पष्ट रूप से यह कह दिया गया कि वो फाईल मेरे पास नहीं हैं कहां हैं क्या हैं मुझे नहीं मालूम वह फाईल में आपको क्यो दिखाऊं तब हमारे बालाघाट एक्सप्रेस के जिला प्रतिनिधि द्वारा उक्त अनियमितता से जिला कलेक्टर महोदय को अवगत कराया गया कलेक्टर महोदय द्वारा तत्काल सिवनी एस.डी.एम. श्री डहेरिया को इस विषय में त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया श्री डहेरिया द्वारा नायब तहसीलदार तिवारी मेडम के नेतृत्व में टीम का गठन कर तत्काल उन्हें आरटीओ कार्यालय भेजा गया जहां पंजीयन शाखा के मुख्य बाबू श्री राजीव उपाध्याय आज ही छुट्टी पर गये हुये थे उनका प्रभार स्थायी लाइसेंस प्रदान करने वाले मुख्य बाबू शशि शुक्ला संभाल रहे थे नायब तहसीलदार तिवारी मेडम द्वारा पंचनामा में की गई कार्यवाही का विवरण इस प्रकार हैं।
यह थी शिकायतें
सर्वप्रथम शिकायतकर्ता राकेश राजकुमार उपाध्याय, आशीष (गोलू) सक्सेना, उवेद खान द्वारा क्रमवार शिकायतों का विवरण लिया गया जो इस प्रकार थी शिकायतकर्ताओं द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि उक्त कमांडर वाहन के पंजीयन कार्ड में जिस वाहन का विवरण हैं जो होशंगाबाद के महेश कुमार के नाम पर पंजीकृत था यह वह वाहन नहीं हैं सिर्फ इस वाहन के चेसिस में पंजीकृत वाहन का उतना हिस्सा काटकर बेल्डिंग किया गया हैं, उक्त वाहन की भौतिक सत्यापन में लापरवाही बरती गई हैं इस वाहन के नाम ट्रांसफर की कार्यवाही में आवश्यक दस्तावेज जैसे वाहन का बीमा, खरीददार एवं विक्रेता के शपथ पत्र, खरीददार के पता सत्यापन संबंधी दस्तावेज वाहन की फाईल में नहीं लगाये गये हैं एवं नये वाहन स्वामी को रजिस्ट्रेशन का स्मार्ट कार्ड दे दिया गया हैं इसके अतिरिक्त सिवनी आरटीओ कार्यालय द्वारा होशंगााबद आरटीओ से जारी की गई एनओसी के संबंध में किसी प्रकार की लिखित जानकारी नहीं मांगी गई हैं।
कार्यालय द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण
क्योंकि संबंधित विभाग के प्रमुख बाबू राजीव उपाध्याय छुट्टी पर थे अत: कार्यालय अधीक्षक इंद्रसेन मोहेते से पूछने पर उन्होनें कहा कि मुझे इस विषय में कोई जानकारी नहीं हैं और राजीव उपाध्याय के आने पर ही वे ही स्वयं इसके बारे मे जानकारी दे पायेंगे कार्यालय में राजीव उपाध्याय के कार्य के प्रभारी शशि शुक्ला से जब इस संबंध में पूछा गया तब उन्होनें बताया कि अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी द्वारा उन्हें पुराने वाहनों के भौतिक सत्यापन के लिये अधिकृत किया गया हैं उक्त वाहन का १२.०४.१० को उनके द्वारा भौतिक सत्यापन कार्यालय के सामने ही किया गया था जिसमें ट्रेस किये गये चेसिस नंबर में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं पाई गई थी एवं मैंने उसके आसपास की गई बेल्डिंग की तरफ ध्यान नहीं दिया इस वाहन की फाईल में बीमा, शपथ पत्र नोटराईज्ड न होना निवास संबंधी दस्तावेजो का न होना एवं संबंधित कार्यालय को एनओसी के विषय में पत्र न भेजा जाना जैसी अनियमितता दिखाई दे रही हैं जिनके पूर्ण हुये बगैर वाहन स्वामी को पंजीयन संबंधी स्मार्ट कार्ड दिया जाना गलत हैं मेरे द्वारा सिर्फ वाहन का भौतिक सत्यापन किया गया हैं एवं शिकायत के आधार पर आज मैंने पुन: जब वाहन जिसकी राहीवाड़ा के समीप दुर्घटना हो गई का भौतिक सत्यापन किया तो चेसिस में चेसिस नंबर पिं्रट के पास बेल्डिंग पाई गई हैं वाहन के संबंध में बाकी कमियों की जाँच श्री राजीव उपाध्याय द्वारा की जाती हैं इतनी कमियों के बाद उन्होनें कैसे इस वाहन का नाम ट्रांसफर किया है इसका जवाब तो वे ही दे सकते हैं।
तत्पश्चात शिकायतकर्ता एवं आरटीओ के कर्मचारियों तथा उपस्थित अन्य व्यक्तियों के पंंचनामे में हस्ताक्षर कराकर जाँच दल वापस चला गया अब देखना यह है कि क्या शासन द्वारा इस मामले की एफ.आई.आर. कराकर इसकी गंभीरता से जाँच की जाती हैं या फिर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जायेगा।