Wednesday, June 2, 2010

नगर पालिका में हो रही हैं हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना
एक वर्ष पूर्व से आदेश जारी किंतु आर्थिक लाभ से वंचित हैं १२ महिलायें
(पिंकी उपाध्याय)

सिवनी-:मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी.८३७२/०८ में नगर पालिका की महिला सफाई कर्मचारियों को नगरपालिका द्वारा कागजों में नियमित तो कर दिया गया हैं किंतु सीएमओ मकबूल खान द्वारा जारी आदेश क्रमांक ६७७/०४ स्था.न.पा.प./०९ दिनांक १२ जून ०९ के आदेश का आज तक परिपालन नहीं किया गया हैं जिसके कारण आज तक इन महिलाओं को ३५०० रूपये मासिक वेतन मिल रहा है जबकि उन्हें नियमित वेतन ७५०० विगत वर्ष से ही मिल जाना चाहिये था।
स्थायी वेतनमान आदेश
इन कर्मचारियों का वेतनमान २५५०-५५, २६६०-६०-३२०० के साथ प्रचलित महंगाई भत्ते का भुगतान पिछले वर्ष जून से किया जाना था जो कि नहीं किया गया हैं एवं उन्हें अभी भी अस्थायी मजदूर की तरह भुगतान हो रहा हैं यह कृत्य न्यायालयीन अवमानना की श्रेणी में आता हैं।
न्यायालय की अवमानना

पूर्व परिषद के कार्यकाल में २८ जून एवं ३० अप्रैल ०९ को हाईकोर्ट द्वारा पारित निर्णय के परिपालन में जारी आदेश के आधार पर उनका सुनिश्चित आर्थिक लाभ की उपेक्षा के लिये सीएमओ मकबूल खान एवं वर्तमान परिषद एवं उसके अध्यक्ष भी न्यायालय अवमानना की श्रेणी में आ गये हैं।
अन्य कर्मचारियों को लाभ
नगर पालिका की इन १२ महिला जनसेवको के बजाये संतोष, बसंत, विजय और मुकेश नामक अस्थायी कर्मचारियों की कम वरीयता के बावजूद उन्हें तरक्की देकर उन्हें उच्च पदो पर नियुक्ति देना भी नगर पालिका का एक निंदनीय पहलू बन गया हैं शीलू, पारो, सरीता और राजो की नियुक्ति में भी हाईकोर्ट के निर्णयों की घोर उपेक्षा हुई हैं जिसकी जनसेवको द्वारा आलोचना की गई हैं।
इनका कहना हैं
सीएमओ नगर पालिका मकबूल खान इन १२ महिलाओं के संबंध में संचानालय भोपाल में प्रकरण विचाराधीन हैं क्योंकि इनकी नियुक्ति में जन्म प्रमाण पत्र नहीं लगा हैं एवं आगे चलकर इस कारण इन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं अत: जब तक यथोचित प्रमाण पत्र जमा नहीं होते है तब तक उन्हें कलेक्टर रेट पर ही भुगतान प्राप्त होगा यह मामला नियमितीकरण पर है नियमित वेतनमान अभी सुनिश्चित होना शेष हैं।
१२ महिलाओं को हाईकोर्ट की राहत
१. मीरा मदन

२. मीरा रमेश
३. मुन्नी रम्मा
४. नंदा मुकेश
. मीना गेंदलाल
६. रजनी सरू
७. गौरी मल्लू
८. उर्मिला दुलिचंद
९. नीरू वल्लम
१०. रामकली
११. मुन्नी रमेश
१२. गेंदा पूरन।
निर्माणाधीन टंकी के ढहने से खुली भ्रष्टाचार की कलई
पिंकी उपाध्याय

सिवनी-:दो जून नगर के उपनगरीय क्षेत्र भैरोगंज के महामाया वार्ड में स्थित महामाया मंदिर के सामने निर्माणाधीन पानी की टंकी का ऊपरी हिस्सा विगत रात्रि तेज हवाधंूध के चलते लगी हुई सेंट्रिंग की बल्लियों समेत भर-भरा कर गिर गया जिस समय यह हिस्सा गिरा तो लोगो को ऐसा लगा भूकंप आ गया हैं लोग घबराकर अपने घरो से बाहर आ गये।
उक्त टंकी के निर्माण के संबंध में नगर पालिका के पूर्व सहायक उपयंत्री आदित्य कुमार के कार्यकाल में इस टंकी के निर्माण की कार्ययोजना तैयार की गई थी एवं इसका ठेका सागर के सोनी ठेकेदार को दिया गया था पिछले ५-६ महिनो से इस टंकी का निर्माण कार्य रूका हुआ था और ५-६ महिनों से ठेकेदार के दर्शन नहीं हुये प्राप्त जानकारी के अनुसार टंकी के प्रारंभिक निर्माण कार्य के समय से ही ठेकेदार द्वारा टंकी निर्माण में भारी अनियमिततायें की जा रही थी उसके बाद नगर पालिका चुनाव आ जाने के कारण इस कार्य पर रोक लगा दी गई थी जो आज तक शुरू नहीं हो पाया हैं इसी बीच उपयंत्री आदित्य कुमार का स्थानांतरण हो गया।
नवीन नगरपालिका परिषद का गठन हुये एक लंबा समय हो गया हैं लेकिन इस टंकी के निर्माण के संबंध में ना तो किसी ने पहल की और ना ही इस ओर ध्यान दिया जिसके चलते भारी भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं से बने टंकी का आधा अधूरा हिस्सा रेत और मिट्टी से बने निर्माण की तरह भर-भरा कर गिर गया विगत रात्रि टंकी के गिरने की सूचना नगर पालिका को दे दी गई थी जिस पर सुबह पालिका के अमले द्वारा मौके पर पहँुचकर इसका मुआवना किया गया एवं नीचे गिरी सामग्री को हटाकर साफ-सफाई कर दी गई।
ये कहीं से समझ में नहीं आया कि आखिर क्यों ना तो क्षतिग्रस्त सामग्री की जप्ती बनाई गई और ना ही निर्माण की जाँच की गई जबकि यह नवीन नगरपालिका अध्यक्ष के पास एक सुनहरा अवसर था जिससे वे विगत परिषद में हुये भ्रष्टाचारो का भंडाफोड़ कर सकते थे जब जप्ती ही नहीं हुई पंचनामा ही नहीं बना तो अब आगे क्या जाँच होगी और क्या सजा दोषियों को दी जायेंगी अगर यह दुर्घटना दिन के समय होती तो इस टंकी के सामने लगे हैंडपंप का उपयोग करने वालो की जान भी खतरे में पड़ सकती थी इस मामले में नगर पालिका द्वारा की गई दुर्घटना की सफाई कार्यवाही स्पष्ट इस ओर इशारा करती हैं कि इस भ्रष्टाचार में वर्तमान में नगर पालिका में कार्यरत कई अधिकारी व कर्मचारी भी लिप्त हैं अगर ऐसे ही कर्मचारियों को बचाने में नवीन नगरपालिका अध्यक्ष मौन रहे तो जल्द ही गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं अब इस बारे में और क्या कहें सिर्फ यही कह सकते है कि ''१०० में से ८० बेईमान फिर भी मेरा देश महान''....?

थाने के ठीक सामने आठ वर्षीय नित्तू की हाथ पांव बांधकर बेरहमी से पिटाई
जनता मौन, प्रशासन मौन
(पिंकी उपाध्याय)

सिवनी-:सुबह लगभग ४ बजे थाने के ठीक सामने स्थित तरबूज दुकान के बाजू में साईकल से नारियल की रस्सी से हाथ पांव बांधकर आठ वर्षीय नित्तू पर अत्याचार किये जा रहे थे और ८.३० बजे तक प्रशासन और जनता इसका तमाशा देख रही थी पूछने पर तरबूज दुकान संचालक द्वारा यह बताया गया कि यह बालक चोरी करता हैं इसे काफी समय से ढंूढ रहे थे तो कल रात्रि ४ बजे यह पकड़ में आया हैं इसने कई सीएफएल, तरबूज और रूपये पैसे की चोरी कर चुका हैं इसीलिये इसको सजा देना हमारा अधिकार हैं नित्तू से पूछने पर उसने बताया कि रात ४ बजे से मुझे इन्होनें रस्सी से बांधकर रखा हैं और करीब ५-६ बार मुझे बाल्टी से पानी मारा गया हैं और रात से ही मेरी बेत से पिटाई कर रहे हैं मैंने कोई चोरी नहीं की हैं रात को मेरे पिताजी रिक्शा चलाकर घर वापस नहीं लौटे थे तो मैं उन्हें ढंूढने निकला था तब से इन लोगों ने मुझे खूब मारा हैं हमारे प्रतिनिधि द्वारा तत्काल मासूम नित्तू के बंधन खोले गये उसे इतनी जोर से बांधा गया था कि उसके दोनो हाथ छिल गये थे शरीर में जगह-जगह बेत के निशान थे उसे बंधन मुक्त कराकर थाने ले जाकर छोड़ा गया वहां उपस्थित मुंशी जी को संपूर्ण घटना का विवरण बताया गया किंतु इस संबंध में मासूम नित्तू के साथ हुये अमानवीय व्यवहार के विरोध में पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।
अगर किसी अपराधी के अपराध की जाँच कर स्वयं जनता ही उसे सजा देने लगे तो पुलिस और न्यायपालिका का क्या औचित्य जो कार्य पुलिस को करना चाहिये था उसे पत्रकार द्वारा किया जा रहा हैं थाने के सामने इस तरह मासूम बालक की बेरहमी से पिटाई को देखकर गांधी जी के उपदेश की याद आ जाती हैं कि बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, जो चल रहा हैं उसे चलने दो।