Monday, June 14, 2010

शंकर मढिय़ा और नगर पालिका के मध्य ४ दुकानों में चल रहा अंग्रेजी शराब दुकान और अहाता








नगर पालिका और प्रशासन की आँखे बंद
(पिंकी उपाध्याय)



सिवनी-:शंकर मढिय़ा और नगर पालिका के मध्य स्थित नगर पालिका काम्पलेक्स में स्थित ४ दुकानों में अंग्रेजी शराब का कारोबार चल रहा है जिसमें से एक दुकान में शराब का स्टाक रखा जाता है दूसरी दुकान में शराब का विक्रय किया जाता हैं एवं शेष दो दुकानों में वातानुकूलित अहाता का संचालन किया जा रहा है शराब विक्रेता द्वारा दुकान के सामने के पूरे हिस्से पर भी कब्जा कर लिया गया हैं अभी दो दिन पूर्व ही प्रशासन द्वारा अहातो पर छापा मारा गया था किंतु आज अहाते में नाबालिग युवक शराब पीते दिख रहे हैं नगर पालिका को इन दुकानो का किराया प्रतिमाह २०० रूपये प्राप्त होता हैं किंतु जिन्हें ये दुकाने दी गई हैं उन्हें दस हजार रूपये प्रतिमाह इन दुकानों से आय होती हैं और जब प्रशासन मौन हैं तो उन्हें सही गलत से क्या सारोकार होगा। इसी संदर्भ में हमारे संवाददाता द्वारा नगर पालिका के संबंधित अधिकारियों से बात की गई तो उनका यह कहना था
सीएमओ मकबूल खान-:नियमानुसार ये दुकाने शराब विक्रय के लिये नहीं हैं और इन दुकानो से संबंधित फाईल पूर्व उपयंत्री आदित्य कुमार के पास से वापस नहीं आई हैं अब ना तो राजस्व कार्यालय में फाईल हैं ना नगर पालिका में, फाईल अगर नहीं मिलती हैं तो इसकी एफआईआर कराई जायेंगी नगर पालिका की दुकानों में शराब विक्रय एवं अहाता चलाना नियमों के खिलाफ हैं शिकायत होने पर हम कार्यवाही जरूर करेंगे।
उपयंत्री संतोष तिवारी-:इन दुकानों के आवंटन का मामला मेरे समय का नहीं हैं और इसकी फाईल राजस्व शाखा में हैं ये दुकाने शराब के विक्रय के लिये नहीं हैं शायद ऐसा नियम हैं आप सूचना का अधिकार लगाकर नियमो की जानकारी राजस्व शाखा से ले सकते हैं रहा सवाल काम्पलेक्स के सामने की गली पर कब्जा करने का तो यह पूर्णत: अवैध हैं अगर हमारे अधिकारी हमे निर्देशित करेंगे तो हम अवश्य कार्यवाही करेंगे।
नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी-:मैं अगर इस मामले में बोलंूगा तो संबंधित शराब दुकान संचालक इसे निजी तौर पर लेंगे इसीलिये आप इस संबंध में हमारे सभापति पार्षद राजेश साहू से ही जानकारी ले क्योंकि संबंधित मामले का क्षेत्राधिकार श्री राजेश साहू के क्षेत्र में आता हैं।
सी.बी.रमन वार्ड पार्षद राजेश साहू-:श्री साहू उक्त मामले पर मौन ही रहे उन्होनें कुछ बोलने से बेहतर चुप रहना ठीक समझा।
नगर पालिका में कई वर्षाे से कार्यरत बाबू ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि जब ये दुकाने आवंटित की गई थी तो किये गये अनुबंध में स्पष्ट किया गया था कि इन दुकानो का उपयोग प्रार्थी स्वयं के उपयोग के लिये करेंगा और अहाता तो दूर की बात हैं नगर पालिका की दुकान में शराब का विक्रय किया जाना भी नियम के विरूद्ध हैं।

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