Monday, June 21, 2010

इंदिरा आवास योजना में बने मकान की भ्रष्टाचार की दीवाल गिरी

आज तक महिला की सुध लेने नहीं आया कोई अधिकारी
(पिंकी उपाध्याय)
सिवनी-:विगत १८ जून को दोपहर २ बजे मीना यादव अपने माकान के सामने कपड़े धो रही थी जहां इंदिरा आवास योजना के तहत ३० हजार रूपये की लागत से उन्हें पंचायत द्वारा पक्का माकान बनाकर दिया गया था निर्माण कार्य की देखरेख सरपंच नंदलाल गोंड के संरक्षण में की गई थी जिसका काम पूर्ण हो चुका था केवल छत लगाना बाकी था दोपहर मीना बाई अपने कामो से निवृत होकर नये माकान के बाजू में कपड़े धो रही थी कि अचानक दीवाल उसके ऊपर गिर गई और वो चिल्ला भी नहीं पाई वो तो किस्मत की बात थी कि उसकी बेटी आवाज सुनकर घर के बाहर निकली और गांव के लोगों को इक_ा कर किसी तरह अपनी माँ को बाहर निकाला जिन्हें दोपहर ४.४५ बजे जिला चिकित्सालय सिवनी में भर्ती कराया गया किंतु चिकित्सालय की हालत तो जग जाहिर हैं अस्पताल के ढीले ढाले रवैये के चलते सर्जीकल वार्ड में मीना यादव का ईलाज चल रहा हैं किंतु अभी तक प्रशासन के किसी अधिकारी कर्मचारी ने उसकी सुध नहीं ली हैं ना ही भ्रष्ट सरपंच नंदलाल गोंड के विरूद्ध कोई कार्यवाही हुई हैं क्योंकि जिस समय ये दीवाल गिरी ना तो उस समय आंधी तूफान आया था और ना ही पानी गिर रहा था भ्रष्टाचार की यह दीवाल अपने आप ही गिर गई अब भी अगर इस पर कार्यवाही नही हुई तो यह ही कहा जायेगा अंधेर नगरी चौपट राजा।

सिवनी आरटीओ कार्यालय में कार्य कर रहे दो अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी



कर्मचारियों की पदस्थापना पर दूसरे अधिकारी का पूर्ण दखल
(पिंकी उपाध्याय

सिवनी-:आज से १५ वर्ष पूर्व जो व्यक्ति ढंग से बात भी नहीं कर पाता था और दूध बेच कर अपना जीवन यापन करता था आज क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय सिवनी में उसकी तूती बोल रही हैं क्योंकि १५ वर्ष पूर्व आरटीओ एकाउंटेंट को उस पर दया आ गई थी और उन्होनें सिमरिया के इस दूध वाले को आरटीओ एजेंट बना दिया और धीरे-धीरे करके वह आरटीओ के कामों में पारंगत हो गया और साथ ही साथ अधिकारियों का समीपस्थ भी बन गया समय का पहिया चलता रहा वह एकाउंटेंट सेवा निवृत्त हो गया तत्पश्चात उक्त एजेंट के साथ व्यवसाय करने लगा किंतु इस समय तक यह एजेंट दुनियादारी में माहिर हो गया था उसने अपने गुरू को चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और तो और एक अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का रूपयो से भरा बैग उड़ाकर रातो रात यह एजेंट लखपति हो गया वर्तमान में आरटीओ आफिस में यह एजेंट अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के साथ कार्यालय जाता हैं एवं उन्हीं के साथ लौटकर आता हैं इस एजेंट ने पुराने लाइसेंस विभाग प्रभारी पर तेढ़ी नजर क्या डाली उसका नये विभाग में पदस्थापना पेडिंग हो गई क्योंकि यह लाइसेंस बनाने वाला बाबू पत्रकारो को कुर्सी पर बैठालता था कार्यालय जाने पर विभाग का कोई भी कर्मचारी इस बाहुबली एजेंट के बारे में एक भी शब्द बोलने से इंकार करता हैं हमारे यह पूछने पर कि एकल खिड़की प्रणाली के तहत कार्यालय के १०० मीटर की दूरी तक कोई दलाल का प्रवेश निषेध हैं पर बाबुओं का यह कहना है कि उसे तो स्वयं अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अपने साथ लेकर आते हैं तो हमारी क्या मजाल।
यह एजेंट और कोई नहीं सिमरिया के दूध वाले ईश्वर सिंह बघेल हैं जो वर्तमान में अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी की अनुपस्थिति में आरटीओ कार्यालय का संचालन करते हैं और हमारे संवाददाता के सामने आते ही वह लूट के आरोपी जैसे अपना मुंह गमछे में छुपा लेते हैं जो उनके छायाचित्र में दृष्टिगत हैं।

अर्थ नामक अनर्थ


पं. मनोज कुमार मिश्रा
जैसे थोड़ा सा कोढ़ सुंदर रूप को बिगाड़ देता है वैसे ही तनिक सा भी लोभ यशस्ववियो के शुद्ध यश और गुणवानो के प्रशंसनीय गुणो को नष्ट कर देता है धन कमाने में, कमा लेने पर धन को बढ़ाने पर, धन के रक्षा करने में, धन के खर्च में, धन के नाश में, और धन के उपयोग में, सर्वत्र परिश्रम, भय, चिंता और चित्त के भ्रम का ही भोग करना पड़ता है चोरी, हिंसा, असत्य, दम्भ, काम क्रोंध, गर्व, अहंकार भेद बुद्धि भेद, अविश्वास स्पर्धा, लंपटता, जुआ और शराब-ये पंद्रह अनर्थ मनुष्यो में धन के कारण ही उत्पन्न होते रहते है अतएवं कल्याण चाहने वाले पुरूष को चाहिये कि वह स्वार्थ और परमार्थ के विरोधी अर्थ नाम के इस अनर्थ को दूर से ही छोड़ दे।
(धर्म से)

कब सुधरेंगे आरटीओ के कर्मचारी























कार्यालय में १.३० बजे आते है
(पिंकी उपाध्याय)






सिवनी-:आरटीओ कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की मनमानी के चलते आमजन एवं आसपास से आने वाले ग्रामवासियों को बेहद असुविधा का सामना करना पड़ रहा हैं आज सोमवार का दिन था इसीलिये १० बजे से ही आरटीओ कार्यालय में लाइसेंस बनवाने वालो की भीड़ इक_ा हो गई थी लेकिन कार्यालय सूना पड़ा था कार्यालय में नियत समय में लर्निंग लाइसेंस बनाने वाले चौहान बाबू ही उपस्थित थे क्योंकि इन बाबू साहब की वर्तमान में ही राज्य परिवहन निगम से आरटीओ में पदस्थापना हुई हैं अभी इन्हें आरटीओ की हवा नहीं लगी हैं आपसे बात करने पर आपने बताया कि आप छिंदवाड़ा से डेली अपडाऊन करते है सुबह ८.३० बजे छिंदवाड़ा से निकलकर १० बजे सिवनी पहँुच जाते है और सीधे दफ्तर आ जाते हैं इसी बीच बढ़ती भीड़ में किसी ने आरटीओ की स्थिति देखकर यह कह दिया शायद आज दफ्तर बंद हैं बताये भी कौन कोई कर्मचारी हो तो बताये पीडि़त जनता में किसनलाल कुमरे और जयसिंह बिजवाड़ जो कि सौंसर छिंदवाड़ा जिले से आये हुये थे उनके लाइसेंस की तिथि समाप्त हो गई थी जिसे उन्हें आगे बढ़वाना था किंतु समय के पाबंद ये दोनो १०.३० बजे से एकल खिड़की में खड़े थे किंतु कोई उन्हें कुछ बताने वाला वहां उपस्थित नहीं था इसी प्रकार मन्नु यादव जिनका खवासा आरटीओ में आरटीआई सुभाष शर्मा द्वारा चालान काटा गया था उसके भुगतान के लिये पैसे जमा करने वाला कोई बाबू आरटीओ में उपस्थित नहीं था।
आरटीओ में स्थाई लाइसेंस शाखा में कार्य करने वाले बाबू साहब शशि शुक्ला का आगमन ११.५७ बजे हुआ देरी का कारण पूछने पर आपने बताया कि बच्चे को डॉक्टर के पास ले गया था इसीलिये देरी हो गई नहीं तो मैं १०.३० बजे कार्यालय पहँुच जाता हँू और क्योंकि आज से सोमवार की जगह मंगलवार को लाइसेंस बोर्ड बैठेंगी अत: आज कोई नया स्थाई लाइसेंस नहीं बनाया जायेगा ऐसा बघेल साहब ने बताया हैं आगे पूछने पर बताया गया कि ईश्वर सिंह बघेल को अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने निर्देशित किया है कि ऐसा नोटिस आज कार्यालय में चस्पा करना हैं २ घंटे तक इंतजार करने वाले स्थाई लाइसेंस बनवाने के इच्छुक लोग निराश हो गये अगर ऐसा करना ही था तो पहले से ही कार्यालय में नोटिस लगवा दिया जाता तो आम जनता के कीमती समय और किराये की बचत हो जाती चलो ठीक है १२.२३ बजे कार्यालय के आफिस सुपरीटेंडेंट मोहते बाबू का आगमन हुआ जो मुस्कुराकर देरी से आने की बात को टाल गये इसके बाद पंजीयन शाखा को देखने वाले बाबू साहब राजीव उपाध्याय का दोपहर १२.४२ बजे अपनी इंडिगो सीएस क्रमांक एम.पी. २२ सीए ०३४४ से आगमन हुआ लेकिन उपाध्याय जी की गाड़ी की पिछली सीट से आरटीओ के बाहुबली दूध वाले ईश्वर सिंह बघेल जी निकले जो हमे देखते ही मुंह छिपाकर कार्यालय से भाग खड़े हुये उपाध्याय जी ने देर से आने पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की लेकिन जबलपुर से आये एलडीसी बाबू अनिल जोगनपुत्र ने तो हद ही कर दी वे कार्यालय में उपस्थिति दर्ज करने १.१८ बजे पहँुचे और उनसे देर से आने का कारण पूछने पर उन्होनें कहा क्यो क्या हो गया मैं क्यो बताऊ कभी-कभी हो जाता है इन्हें लोगों को होने वाली असुविधा से कोई मतलब नहीं हैं क्योंकि जिसकी अटकी होगी वो चाहे ये १ बजे आये या २ बजे अपना काम कराने उसे आना ही पड़ेगा क्योंकि समय का तकाजा करने पर आगंतुक को इतने सारे नियम बता दिये जाते है कि वह आने वाले एक माह तक दस्तावेज इक_े करने में व्यस्त हो जाता हैं।
इसके पूर्व भी समय से आने के लिये हमारे अखबार के माध्यम से एक बार इस विभाग को चेताया जा चुका हैं किंतु यहां कार्यरत निम्र श्रेणी लिपिक भी इतनी आगे तक पहँुच रखता हैं कि उसे इन सब बातो की कोई परवाह नहीं हैं एकल खिड़की प्रणाली सिर्फ नाम को रह गई हैं एक मजिस्ट्रेट की गाड़ी रजिस्ट्रेशन के लिये आने पर भी उसे दलालो के माध्यम से पंजीयन कराने की सलाह दी जाती हैं तो आम आदमी तो बहुत छोटी बात हैं हमारी जनहित में कलेक्टर महोदय से विनम्र अपील है कि स्वयं आकस्मिक निरीक्षण कर लापरवाह कर्मचारियों के विरूद्ध सक्त कदम उठाये जिससे १०.३० नहीं तो कम से कम १२ बजे पूरे कर्मचारी अपना कार्य प्रारंभ करें।