Mai Azaad hu
Thursday, November 8, 2012
Wednesday, October 3, 2012
Thursday, August 11, 2011
मैं आजाद हूं
ç´·¤è ©UÂæŠØæØ
देश की खातिर जिये मरे तो नाम अमर हो जायेगा
कुर्बानी की अमर कहानी वक्त सदा दोहरायेगा
देश की खातिर......
खून बहाये आपस में तो देश को क्या दे पाओगे
खुशहाली का दौर वतन में बोलो कैसे लाओगे
न$फरत की इन दीवारों को कौन भला फिर ढायेगा
देश की खातिर.....
कितने लाल शहीद हुऐ हैं तब आजादी आई है
तुम क्या जानो तुमने दौलत ये विरसे में पाई है
इस दौलत की रक्षा करना कौन तुम्हे सिखलाऐगा
देश की खातिर............
मसूद आतिश
हिन्दुस्तानी
मुझे गुस्सा नहीं आता हां सच,कभी नहीं आता लेकिन,
जब कभी मुठ्ठी भर शरारती तत्वों की वजह से
मुझे गद्दार देशद्रोही जैसे शब्दों से पुकारा जाता है
हां तब भी मुझे गुस्सा नहीं,हंसी आती है
क्या मुझे भी अपनी वफादारी व वतन परस्ती को साबित करने के लिए
भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद की तरह शहीद होना पड़ेगा
हमारी वफादारी या वतनपरस्ती की इस से बड़ी मिसाल और क्या हो सकती है कि 60 वर्ष से
बेशुमार फसादत में
हजारों बेगुनाह वतन परस्तों ने
अपनी प्राणों की आहुती दी
और लाखों वफादार लोगों का
लहू बहने के बाद
तुम हमे गद्दार देश द्रोही कहोगे
तो तुम्हारी बातें सुनकर मुस्कुराता हूं
हम हिन्दुस्तानी हैं ये साबित करने के लिये
क्या और चाहिये
बलिदान या रक्तपात का इम्तेहान
मसूद आतिश
Subscribe to:
Posts (Atom)