Thursday, June 3, 2010


वन रक्षक ही बने भक्षक

सिवनी वन रक्षक ही भक्षक बन गये है एवं उनके द्वारा खुले आम पुराने कागजों के आधार पर हरे-हरे वृक्ष काटकर अवैध रूप से वना का दोहन किया जा रहा है कुछ ऐसा ही आमागढ वन परिक्षेत्र में देखने को मिला है जहां एक वन रक्षक ही अवैध रूप से लकड़ी के गीले चट्ठो को अपने घर में रखा हुआ है ।
मामले की सूचना पर वन विभाग के अमले ने मौके पर पहुचकर पंचनामा बनाकर जप्ती की कार्यवाही की। प्राप्त जानकारी के अनुसार आमागढ में पदस्थ रविन्द्र राठी अपने ही साथी वन रक्षक ओम चंदेनिया व ट्रैक्टर मालिक मनीराम चौरसिया के साथ 4 जलाउ लकड़ी के चटठे जो कि गीले थे कटवा दिया था एवं उसे अपने डोरली छतरपुर में बने मकान में रखवा दिया था। जिसकी सूचना मुरलीमनोहर सिंह ने वन विभाग के अधिकारियों को दी पूछताछ में वन रक्षक राठी ने कवूल किया कि ये लकड़ियां उसने ही कटवाई थी ।
वन रक्षक राठी ने यह भी बताया कि वन सुरक्षा समिति के अध्यक्ष जीवन सिंह सूर्यवंषी, रेंजर गंगाराम धूरिया, डिप्टी रेंजर गंगाराम उईके द्वारा इसके पूर्व ना जाने कितने चटठे पार लगाये गये थे लेकिन जब उसने यह सोंचा कि जब ये लोग लकड़िया ले जा सकते है तो मै क्यों नहीं बस यहीं गलती उससे हो गई। वन विभाग के अधिकारियों की मनमानी के चलते इस क्षेत्र में वेखोफ लकड़ियों की कटाई जारी है और इसमें कई बडे उच्चाधिकारी भी लिप्त है ।

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